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15-06-2024 मुरादाबाद मंडल के पाँच साहित्यकारों ने किया संविधान के छंद बद्धिकरण में अपना योगदान (हिंदी भवन, नई दिल्ली में किया गया विमोचन व सम्मान समारोह)


15-06-2024 मुरादाबाद मंडल के पाँच साहित्यकारों ने किया संविधान के छंद बद्धिकरण में अपना योगदान
(हिंदी भवन, नई दिल्ली में किया गया विमोचन व सम्मान समारोह)

संविधान के काव्यांतर रूप छंदबद्ध संविधान के लोकार्पण के अवसर पर आज हिंदी भवन , मंडी हाउस, नई दिल्ली में मुरादाबाद मंडल के पांच साहित्यकारों का सम्मान हुआ। मुरादाबाद के वरिष्ठ साहित्यकार श्रीकृष्ण शुक्ल, त्यागी अशोक कृष्णम, डा. रीता सिंह, दुष्यंत बाबा और प्रवासी साहित्यकार वैशाली रस्तोगी का आज छंदबद्ध संविधान की रचना में उल्लेखनीय योगदान देने के लिये सम्मानित किया गया। छंदबद्धिकरण के सुचिता पूर्ण कार्य मुरादाबाद मंडल के पांच साहित्यकारों सहित समस्त भारत के कुल 129 साहित्यकारों ने अपना योगदान किया है।

डॉ० श्याम सिंह शशि (पद्मश्री) की अध्यक्षता में हुए इस आयोजन में मुख्यातिथि मीनाक्षी लेखी (पूर्व विदेश एवं संस्कृति मंत्री, भारत सरकार) व डॉ० रमा सिंह (वरिष्ठ साहित्यकार), पंकज शर्मा (एडिटर-आजतक), शकुंतला कालरा (वरिष्ठ साहित्यकार), डॉ० संतोष खन्ना (पूर्व न्यायाधीश), डॉ० चेतन आंनद (कवि/पत्रकार), आलोक कुमार, (भारत प्रमुख-गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड) विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन रहे।

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित इस कृति सम्पादन त्रयी के रूप में रहकर डॉ० ओमकार साहू ‘मृदुल’ डॉ० सपना दत्ता ‘सुहासिनी’ डॉ० मधु शंखधर ‘स्वत्रंत’ ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संविधान के मूलभाव को यथावत रखते हुए दोहा-रोला छंद में लिखी गयी है। ध्यातव्य है कि इस कृति में मुरादाबाद मंडल से मुरादाबाद के श्रीकृष्ण शुक्ल और दुष्यंत ‘बाबा’, सम्भल के त्यागी अशोका कृष्णम, रीता सिंह और सम्भल की प्रवासी साहित्यकार वैशाली रस्तोगी सहित पाँच साहित्यकारों ने अपना योगदान किया है।

दो चरणों मे हुए इस आयोजन के प्रथम सत्र में समस्त रचनाकारों को प्रसस्ति पत्र, अलंकरण चिन्ह, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाणपत्र एवं विमोचित कृति की एक-एक प्रति देकर सम्मानित किया गया तत्पश्चात मंचासीन अतिथियों के उद्बोधन के साथ प्रथम सत्र का अवसान हुआ। द्वितीय सत्र में समस्त रचनाकारों का परिचय तथा एक प्रतिनिधि रचनापाठ करने का अवसर दिया गया। इस दिव्य और भव्य आयोजन में का समापन डॉ० सपना दत्ता ‘सुहासिनी’ की आभार अभिव्यक्ति के साथ हुआ।

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